हंसराज सैनी, मंडी। हिमाचल प्रदेश की जिला एवं मुक्त कारागार बिलासपुर की दीवारों के भीतर अपने अपराधों की सजा काट रहे कैदी एक नई कहानी बुन रहे हैं। यह कहानी न केवल जेल सुधारों की एक मिसाल है, बल्कि कैदियों की मेहनत, आत्मनिर्भरता और आत्मसुधार की यात्रा की भी प्रतीक है। हुनरमंद हाथों से कैदी धागा बना रहे हैं, जिससे वर्दी तैयार की जा रही है। यह धागा न केवल कपड़ों को जोड़ रहा है, बल्कि कैदियों को समाज के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण कदम है।
जेल में कैदियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
बिलासपुर जेल में कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें व्यावसायिक कौशल से सशक्त करने के उद्देश्य से बुनाई का काम हो रहा है। कैदियों को धागा बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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